Thursday, May 26, 2011

कुछ अजनबी दोस्त....

कामयाबी के शिखर पर बैठे कुछ दोस्तों ने...

आज जब मुझे पहचानने में शर्मिन्दगी मह्सूस की....

तो मैंने उन्हें और कामयाबी की दुआ दे कर...

अजनबी लोगों की फेहरिस्त में शामिल कर लिया...

सच कहूँ तो एक पल के लिये दुख तो बहुत हुआ...

लेकिन बाद मे एक सूकून हासिल हुआ...

ऐसा लगा कि मैं कुछ एकतरफा रिश्तों से आज़ाद हो चुकी हूँ...

जिन्हे निभाने में मैने तो अपना बहुत कुछ लगा दिया लेकिन...

उन्होनें मुझे मेरी इस कोशिश को सिरे से नक़ार दिया...

खैर ज़िन्दगी ने आखिर एक और सबक मुझे सिखा ही दिया...

और मुझे बता ही दिया कि वक़्त के साथ सब कुछ बदल जाता है...

कुछ दोस्त अजनबी बन जाते है...

कुछ अजनबी दोस्त बन जाते है...

अर्चना.......