Tuesday, February 9, 2010

यादों की पगडंडियों पर निरंतर चल रही हूँ मैं...शायद कोई मुझे मेरा पता बता देगा....

अनकही अभिव्यक्ति का मैं निशब्द स्वर हूँ मैं...शायद कोई मुझे कहीं सुन रहा होगा....

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