मेरे अह्सास...
मेरे मन के आगँन में कुछ बिखरें अह्सास...
Thursday, September 19, 2013
मेरी मिल्कियत
ज़िन्दगी के हर पल...
हर अह्सास को संजो कर रखा है...
मैंने माँ की हर सीख को आंचँल में बाँध रखा है...
जब भी ज़रूरत होती हैं खर्च कर लेती हूँ...
इक यही तो मिल्कियत हैं जिसने मुझे अमीर बना रखा हैं..." (अर्चना)...
2 comments:
संजय भास्कर
September 19, 2013 at 6:28 AM
वाह! बहुत सुन्दर रचना..
Reply
Delete
Replies
Reply
Archana
October 8, 2013 at 9:59 PM
शुक्रिया संजय...
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
वाह! बहुत सुन्दर रचना..
ReplyDeleteशुक्रिया संजय...
ReplyDelete