Sunday, February 7, 2010
हाँ मैं खुश हूँ...बहुत खुश...क्यूँ...क्यूंकि कोई है...जो दूर हो कर भी मेरे साथ रहता है...वो मेरे दर्द का साथी है...वो मुझे हर दम याद करता है...और वो मेरी भी यादों में भी बसता है...जहाँ भी मैं जाती हूँ...वो यादों का साया बन कर हमेशा मेरे साथ चलता है...वो मेरे अहसास..मेरे जज़्बात में बसता है...मेरी जिंदगी का अटूट हिस्सा हैं वो...मेरी जिंदगी की कहानी एक नया सा किस्सा है वो...वो किस्सा जिसके बिना मेरी कहानी अधूरी है...हाँ उसी से तो मेरी ये दुनिया पूरी है...लेकिन एक बात कहूँ...वो सवाल बहुत पूछता है...कहता है...जब तुम खुश हो कर मुस्कुराती हो...तो तुम्हारी आँखों में ये पानी क्यूँ आता है...?...तो मैं कहती हूँ...की मेरी ख़ुशी की ज़मी यूँ ही नम नहीं है दोस्त...उस ज़मी के पास एक दर्द का दरिया है...जो सदियों से मेरी खुशियों के साथ बदस्तूर बहता है...बस यही वजह है की मेरे होंठों पर तो मुस्कान...और आँखों में पानी रहता है...हाँ मैं खुश हूँ...क्यूंकि कोई है...जो दूर हो के भी मेरे साथ रहता है....अर्चना...
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...तो मैं कहती हूँ...की मेरी ख़ुशी की ज़मी यूँ ही नम नहीं है दोस्त...उस ज़मी के पास एक दर्द का दरिया है...जो सदियों से मेरी खुशियों के साथ बदस्तूर बहता है...बस यही वजह है की मेरे होंठों पर तो मुस्कान...और आँखों में पानी रहता है...हाँ मैं खुश हूँ...क्यूंकि कोई है...जो दूर हो के भी मेरे साथ रहता है....अर्चना...
ReplyDeleteAageka intezar rahta hai!
Maaf kijiyga kai dino busy hone ke kaaran blog par nahi aa skaa
ReplyDeleteहाँ मैं खुश हूँ...बहुत खुश...क्यूँ...क्यूंकि कोई है...जो दूर हो कर भी मेरे साथ रहता है...वो मेरे दर्द का साथी है
ReplyDeleteइन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....