सब रंगे रंगबिरंगे रंगों से...मैं एक प्रीत के रंग...सब कहे होली भाई होली...मैं कहूँ... मैं आज हो ली उनके संग...सब कहे तू बावरी भई री ...का तूने आज पी ली है भंग...मैं कहूँ मोहे प्रीत धुन लागी... और जागी नयी उमंग...इत उत डोलू बावरी सी...जैसे डोले है पतंग...मन हुआ दीवाना मोरा...और जागी नई तरंग...सुन ओ सखी री ...अब ना डार मो पे कोई रंग...अब तो रंगी मैं पिया के रंग में...हुई मोरी नेह अतरंग...अर्चना...
होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.
ReplyDeleteBahut sundar alfaaz! Mubarak ho!
ReplyDeleteजैसे डोले है पतंग...मन हुआ दीवाना मोरा...और जागी नई तरंग...सुन ओ सखी री ...अब ना डार मो पे कोई रंग...अब तो रंगी मैं पिया के रंग में...हुई मोरी नेह अतरंग...
ReplyDeleteBahut sundar!
Holi mubarak ho!