Sunday, February 28, 2010

सब रंगे रंगबिरंगे रंगों से...मैं एक प्रीत के रंग...सब कहे होली भाई होली...मैं कहूँ... मैं आज हो ली उनके संग...सब कहे तू बावरी भई री ...का तूने आज पी ली है भंग...मैं कहूँ मोहे प्रीत धुन लागी... और जागी नयी उमंग...इत उत डोलू बावरी सी...जैसे डोले है पतंग...मन हुआ दीवाना मोरा...और जागी नई तरंग...सुन ओ सखी री ...अब ना डार मो पे कोई रंग...अब तो रंगी मैं पिया के रंग में...हुई मोरी नेह अतरंग...अर्चना...

3 comments:

  1. होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.

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  2. Bahut sundar alfaaz! Mubarak ho!

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  3. जैसे डोले है पतंग...मन हुआ दीवाना मोरा...और जागी नई तरंग...सुन ओ सखी री ...अब ना डार मो पे कोई रंग...अब तो रंगी मैं पिया के रंग में...हुई मोरी नेह अतरंग...
    Bahut sundar!
    Holi mubarak ho!

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